अन्य पिछड़ा वर्ग के समग्र हितार्थ हेतु शासन द्वारा संचालित प्रमुख योजनाऐं -
शैक्षणिक विकास की योजनाऐं
राज्य छात्रवृत्ति -
कक्षा 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं अध्ययनरत पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षण वर्ष के माह जून से मार्च तक 10 माह हेतु निम्नांकित दरों पर राज्य छात्रवृत्ति दी जाती है ।
पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति
कक्षा |
बालक |
बालिका |
कक्षा 6वीं से 8वीं तक |
300 |
450 |
कक्षा 9वींसे 10वी तक |
450 |
600 |
पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को जिनके पालक आयकर दाता न हो या जिनके पास 10 एकड़ से कम कृषि भूमि हो उन्हें राज्य छात्रवृत्ति की पात्रता हैं ।
- मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति :
- पिछडे वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जिनके पालक की वार्षिक आय 1 लाख तक हो उन्हें छात्रपृत्ति की पात्रता होगी ।
क्र. |
समूह कक्षा |
|
गैर छात्रावासी |
छात्रावासी |
|
|
|
बालक |
बालिका |
बालक |
बालिका |
1 |
मेडिकल तथा इंजीनियरिंग |
प्रथम, द्वितीय वर्ष
एवं तृतीय वर्ष |
100
105 |
110
115 |
210
210 |
220
225 |
|
बी.व्ही. एस.बी.एस.सी. कृषि |
प्रथम, द्वितीय वर्ष
एवं तृतीय वर्ष |
100
105 |
110
115 |
185
185 |
195
200 |
2 |
डिप्लोमा कोर्सेस इंजीनियर मेडिकल कॉलेज टेक्नोलॉजी तथा पोस्ट ग्रेजुएट इन आर्ट्स एवं कामर्स |
प्रथम, द्वितीय वर्ष
एवं तृतीय वर्ष |
100
105 |
110
115 |
125
130 |
135
145 |
3 |
सर्टिफिकेट कोर्सेस इंजीनियरिंग मेडिकल टेक्नोलॉजी तथा पोस्ट ग्रेजुएट इन आर्ट्स एवं कामर्स |
प्रथम, द्वितीय वर्ष
एवं तृतीय वर्ष |
100
105 |
110
115 |
125
130 |
135
145 |
4 |
जनरल अपटु ग्रेजुऐट लेवल के बाद |
प्रथम, द्वितीय वर्ष
एवं तृतीय वर्ष |
55
70 |
70
85 |
100
115 |
110
130 |
5 |
कक्षा 11वीं, 12वीं |
कक्षा 11वीं,
12वीं |
50
55 |
60
70 |
100
100 |
110
110 |
(ब) सामाजिक एवं आर्थिक सहायता की योजनाएं- स्वरोजगार मूलक वित्तीय सहायता योजना
पिछड़े वर्ग एवं अल्प संख्यकों के लिये ऋण सुविधायें :-
पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक वित्त विकास निगम द्वारा आरक्षित वर्ग के लोगों को निम्नांकित व्यवसाय हेतु ऋण एवं अनुदा प्रदान किया जाता है । गरीबी एवं दुगुनी गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाले लोगों को आटो रिक्शा, रेडिमेड दुकान, कार वर्क शाप, आटो स्पेयर पार्टस आदि विभिन्न योजनाओं के लिए 80 प्रतिशत ऋण दिया जाता है ।
(स) व्यावसायिक पशिक्षण योजना :-
1. नि:शुल्क व्यावसायिक पशिक्षण:
छ.ग. राज्य के अंतव्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों पर पिछड़े वर्ग के युवक युवतियों को विभिन्न व्यवसायों में नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
2. एयर होस्टेज एवं पायलट प्रशिक्षण :
एयर होस्टेज योजनांतर्गत प्रशिक्षण दिया जाताहै ।
3. युवा कैरियर निर्माण योजना :
अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के स्नातकों को संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी हेतु विशेष कोचिंग प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थान का चयन करके रायपुर एवं बिलासपुर में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है । इस प्रक्रिया से पिछड़ा वर्ग के लोग भी लाभान्वित होंगे ।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना :-
राज्य शासन द्वारा 1 जुलाई 2003 से प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के बेरोजगार नवयुवकों तथा नवयुवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु दुकान/चबूतरा उपलब्ध कराने की योजना लागू की गई है । योजनांतर्गत चबूतरा का निर्माण किया जाता है । उक्त निर्माण हेतु नगरीय निकायों को 50 प्रतिशत ऋण एवं 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है । निर्मित दुकान एवं चबूतरें नगरीय निकाय द्वारा पात्र हितग्राहियों को निर्धारित न्यूनतम अमानत राशि एवं मासिक किराये पर आबंटन किया जाता है ।
महिला समृद्धि बाजार योजना :-
राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंग के रूप में प्रदेश की शिक्षित बेरोजगार महिलाओं को सस्ता सुरक्षित एवं मूलभूत सुविधा युक्त बाजार उपलब्ध कराने तथा उनक कौशल, श्रम द्वारा तैयार उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से महिला समृद्धि बाजार योजना प्रथम चरण मेंप्रदेश में 50000 से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में लागू की गई है । योजनांतर्गत प्रस्तावित दुकानों की लागत को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ऋण उपलब्ध कराया जाता है ।
श्यामाप्रसाद मुखर्जी युवा जन विकास योजना :-
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के 18 से 35 वर्ष जो कम से कम 7वीं (उत्तीर्ण /अनुत्तीर्ण) आयु वर्ग की महिलाओं एवं पुरूषों का चयन कर विभिन्न सत्रों के आयोजन द्वारा उनके कौशल एवं दक्षता में वृद्धि कर उन्हें सम्मानजनक जीवकोपार्जन उपलब्ध कराना है ।
गोकुल नगर योजना :-
नगर में स्थित डेयरी व्यवसाय को शहर के बाहर व्यवस्थित रूप से बसाने हेतु राज्य शासन द्वारा गोकुल नगर योजना शुरू किया गया है ।
राज्य प्रवर्तित नवींन योजनाऐं :-
विभाग द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आम जनता की सुविधा की दृष्टि से नवींन योजनाऐ जनवरी 2006 से प्रारंभ की गई हैं ।योजनाओं का क्रिन्यान्वयन राज्य शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से किया जा रहा है । योजनाओं का विवरण निम्नानुसार है ।
कुशाभाउ ठाकरे युवा जन विकास योजना :-
शहरों में निवासरत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के अनपढ़ या कम पढ़े लिखें बेरोजगारों युवाओं/महिलाओं को अपारंपरिक क्षेत्रों और बाजार रोजगार की मांग के अनुरूप उनकी दक्षता एवं तकनीकी कौशल में वृद्धि कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराते हुये उनकी युवा शक्ति को उत्पादक बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में यह योजना वर्ष 2007-2008 से लागू की गई है ।
हाट बाजार समृद्धि का आधार योजना :-
वर्ष 2007-2008 में प्रारंभ की गई इस नवींन योजना का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में एवं आसपास के ग्रामों में असंगठित रूप से गुमटी, ठेले एवं फेरी लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले परिवारों के आर्थिक उत्थान हेतु ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादक वस्तुओं के सुल्भ तरीके से विक्रय हेतु नगरों में लगने वाले हॉट बाजार की व्यवस्था प्रचलित है । इसी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिये नगरीय क्षेत्रों में एक-एक बड़ा स्थान हाट बाजार के रूप में विकसित किया जाय, जिसमें निलामी चबुतरा, चबुतरे के निर्माण, पार्किंग व्यवस्था, प्रकाश्, जल, ड्रनेज एवं सार्वजनिक प्रसाधन के निर्माण का प्रावधान है । इस योजनांतर्गत नगर निगमों को रू. 100 लाख, नगर पालिका परिषद को 70 लाख तथा नगर पंचायत को 40 लाख की स्वीकृति प्रदान की जायेगी ।
दीनदयाल कृषक सुरक्षा बीमा योजना :-
11 फरवरी 2009 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा में किसानों के लिये दीनदयाल कृषक सुरक्षा बीमा योजना की घोषणा की । जो 1 अप्रैल 2009 से लागू किया गया । इसके तहत किसानों अब सिर्फ 4 रू. 20 पैसे में एक लाख सुरक्षा मिलेगी । इस योजना के तहत यूनाइटेड इंडिया इंशोरेंस कंपंनी से 21 रू. प्रीमियम की वार्षिक किश्त पर राज्य शासन किसानों का दुर्घटना बीमा कराएगा जिसमें प्रीमियम की इस राशि में सिर्फ 4रू. 20 पैसे का अंशदान किसानों के द्वारा किया जायेगा । जबकि शेष 16रू. 80 पैसे राज्य शासन द्वारा दिया जायेगा ।
महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण :-
त्रिस्तरीय पंचायती संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत आरक्षित कर दी गई है । विदित हो कि पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए कानून में संशोधन किया गया है ।
मुख्यमंत्री शिशु शक्ति एवं मुख्यमंत्री महतारी शक्ति आहार:-
अक्टूबर 2009 से भारत में छत्तीसगढ़ प्रथम ऐसा राज्य बन गया है जहां बच्चों और महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार के उत्पादन और उसके पैकेट तैयार करने का लघु और कुटीर उद्योग महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किया जा रहा है राज्य को कुपोषण से मुक्त करने के विशेष अभियान के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ शासन ने प्रत्येक 25 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक महिला स्व-सहायता समूह को मुख्यमंत्री शिशु शक्ति और मुख्यमंत्री महतारी शक्ति के ब्रांड नामों से पौष्टिक आहार बनाने का काम सौपने का निर्णय लिया है । विदित हो कि प्रदेश में इस मय 34 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे है ।
धनलक्ष्मी योजना का शुभारंभ:-
अगस्त 09 को एक मात्र स्थान बस्तर जिले के जगदलपुर परियोजना (विकासखण्ड जगदलपुर) में ‘पायलेट प्रोजेक्ट’ के रूप में धनलक्ष्मी योजना का शुभारंभ हुआ है । इस योजना के अन्तर्गत कन्या भू्रण हत्या और बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों को हतोत्साहित करने व बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रमुख उद्देश्य रखा गया है । योजना के सफल परिणाम आने पर इसे संपूर्ण छत्तीसगढ़ में लागू करने का प्रयास किया जायेगा ।
किसान कॉल सेन्टर:-
छत्तीसगढ़ सहित देश भर के किसानों की कृषि संबंधित समस्योओं तथा शिकायतों का निराकरण करने हेतु राज्य शासन ने किसान काॅल सेन्टर की स्थापन की है। इस काॅल सेंटर पर किसानों को 1551 नं पर फोन करने की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है ।
ग्रामीण इंजीनियर योजना:-
छत्तीसगढ़ में मामूली पढ़े लिखे ग्रामीण नौजवान भी अब ‘इंजीनियरो’ की तरह भवन निर्माण तथा घरेलू विद्युतीकरण जैसे कार्यो में स्वाभिमान के साथ स्वरोजगार हासिल कर सकेंगे ।
मुख्यमंत्री बाल ह्दय सुरक्षा योजना:-
ह्दय रोग से पीडि़त गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए इस तरह की योजना प्रारंभ करने वाला छत्तीसगढ़ देष का प्रथम राज्य है । इस योजना के तहत ह्दय से संबंधित सात प्रकार की बीमारियों का ईलाज किया जाता है । इस योजना के तहत ह्दय रोग से पीडि़त एक वर्ष से पंद्रह वर्ष तक आयु समूह के बच्चों के ह्दय का आपरेषन अनुबंधित निजी अस्पतालों में किया जा रहा है । ह्दय की शल्य क्रिया के साथ ही ह्दय के वाल्व भी इस योजना के अंतर्गत बदले जाते हैं । इस योजना की सबसे बड़ी विषेषता यह है कि इसमें गरीबी रेखा का कोई बंधन नहीं रखा गया है कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के जरूरतमंद बच्चों को भी इसका लाभ मिलता है ।
मछुआरा आवास योजना:-
इस योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के पांच जलाशयों पर मछली पकडने वाले और मछलीपान करने वाले मछुआरों को आवास, पेयजल आदि आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मछुआरा आवास योजना संचालित की जा रही है योजना के समीप मछुआरों के लिए मकान का निर्माण किया जा रहा है ।
ग्रामोत्थान योजना:-
छत्तीसगढ़ में पशुपालकों सहित गरीब चरवाहों को भी पशुधन विकास और पशुओं पर आधारित आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने के उद्देष्य से ग्रामोत्थान योजना संचालित की जा रही है । इस योजना के तहत राज्य में पशु नस्ल सुधार कार्यक्रमों में स्थानीय चरवाहों को शामिल कर राज्य सरकार द्वारा उन्हें पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान और देषी नाटों के बधियांकरण पर प्रोत्साहन राषि दी जा रही है । यह योजना 2008-09 में प्रारम्भ की गई है । इस योजना से राज्य के डेढ़ लाख से अधिक चरवाहे लाभान्वित होगें ।
ग्रामीण स्वरोजगार और प्रषिक्षण संस्थान:-
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत छत्तीसगढ़ के ग्रामीण गरीब युवाओं को स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए कौषल उन्नयन का प्रषिक्षण संस्थान अगस्त 2009 से प्रारम्भ किये गये है ।
मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना:-
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस योजना का शुभारंभ 16 जनवरी 2008 से किया गया । इस योजना के अंतर्गत ए.पी.एल. एव बी.पी.एल. कार्ड धारकों को क्रमषः एक रूप्ये तथा 2 रूप्ये में 35 किलो चावल प्रदान किया जा रहा है । नवीन व्यवस्था के तहत 30 चावल के साथ-साथ उसी दर पर 5 किलो गेहूं भी मिलेगा ।
शाकम्भरी योजना:-
सभी वर्ग के लघु सीमांत कृषक विषेषकर सब्जी उत्पादक कृषक विषेषकर सब्जी उत्पादक कृषकों को 5 हार्स पावर तक के विद्युत एवं डीजल पंप क्रय करने पर इकाई लागत रू. 15500 पर 75प्रतिषत अनुदान एवं कुंआ निर्माण हेतु इकाई लागत रू. 34200 पर 50 प्रतिषत अनुदान देने का प्रावधान है ।