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CG OBC Commission

  Function -

आयोग की शक्तियां -

आयोग की धारा 9 की उपधारा (1) के अधीन अपने कृत्‍यों का पालन करते समय और विशिष्‍टतया निम्‍नलिखित विषयों की बाबत किसी वाद का विचारण करने वालें किसी सिविल न्‍यायालय की सभी शक्तियां होंगी, अर्थात -

  1. 1. राज्य के किसी भी भाग में किसी व्‍यक्ति को  समन करना ओर हाजिर कराना तथा शपथ पर उसकी परीक्षा करना ।
  2. 2. किसी दत्‍सावेज को प्रकट करने और पेश करने की अपेक्षा करना ।
  3. 3. शपथर पत्रों पर साक्ष्‍य ग्रहरण करना ।
  4. 4. किसी न्‍यायालय या कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रतिलिपि की अघ्‍यपेक्षा करना ।
  5. 5. साक्षियों और दस्‍तावेजों की परीक्षा के लिए कमीशन निकालना ।
  6. 6. कोई अन्‍य विषय जो विहित किया जाये ।

 

राज्‍य सरकार क्षरा सूचियों का नियम कलीक पुनरीक्षण -

      राज्‍य सरकार पिछड़े वगो की ऐसी सूची में से उन वर्गो के नाम अपवर्जित करने के उद्देश्‍य से जो पिछड़े वर्ग के नहीं रह गए हैं या ऐसी सूची में पिछड़े वर्गो को सम्मिलित करने के उद्देश्‍य से किसी भी समय पुरीक्षण का कार्य हाथ में ले सकेगी और पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम के प्रवृत्‍त होने से दस वर्ष की समाप्प्ति तथा उसके पश्‍चातवर्ती अवधि पर ऐसे पुनरीक्षण का कार्य हाथ में लेगी । राज्‍य सरकार किसी पुनरीक्षण का कार्य हाथ में लेते समय आयोग से परामर्श करेगी ।
आयोग सहज सुलभ मंच है जिसमें कोई भी पीडि़त / जरूरतमंद, समस्‍या ग्रस्‍त भाई-बहन आयोग तक अपनी बातें सीधे पहुंचा सकते हैं । इसके लिये किसी व्‍यक्ति /संस्‍था / संगठन को माध्‍यम बनाना अनिवार्य नहीं है, परंतु यदि कोई पिछड़े वर्ग का व्‍यक्ति किसी भी कारण से आयोग तक अपनी शिकायत / समस्‍या नहीं पहुंचा पा रहा है तो अन्‍य व्‍यक्ति / संस्‍था / संगठन उसकी तकलीफ /समस्‍या को पहचान कर इस कार्य में उसकी मदद अवश्‍य कर सकते हैं । आयोग ऐसे लोगों के प्रति उनके पुनीत कर्त्‍तव्‍यों के लिए साधुवाद देता रहेगा ।

 

आवेदन  पर कार्यवाही -

      आयोग को प्रापत शक्तियों के अधीन प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला कलेक्‍टर, नोडल अधिकारी, संबंधित विभाग के अधिकारी तथा जन प्रतिनिधियों सें प्रतिवेदन प्राप्‍त किया जाता है । आवश्‍यकता पड़ने पर आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए आवश्‍यक जानकारी लेकर, नियमों व प्रावधानों के तहत विवेचना करके संबंधित विभाग को आवश्‍यक काय्रवाही हेतु प्रेषित किया जाता है । आयोग द्वारा जब तक समस्‍या/प्रकरणों का निराकरण नहीं हो जाता तब तक कार्य की प्रगति से संबंधित विभाग यासंस्‍था से निरंतर जानकारी प्राप्‍त की जाती हैं तथा संबंधित को प्रकरण केसंबंध में वस्‍तु स्थिति से अवगत कराया जाता है ।

 

आवेदन कैसे करें -

      पिछड़े वर्ग के कोई भी भाई-बहन सादे कागज पर अथवा शपथ पत्र के साथ या स्‍वयं के पास उपलब्‍ध अभिलेखों सहित सीधे आयोग को आवेदन अथरवा स्‍वयं उपस्थित होकर दे सके हैं या चाहे तो डाक से प्रेषित कर सकते हैं ।